भरतपुर। पूर्वी राजस्थान के भरतपुर विधानसभा सीट पर आगरा-मथुरा राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट करीब 5 से 7 किमी दूर पुराने गांवों को जोड़ रही टूटी फूटी सड़कें और तंग गलियों के भीतर तूहिया और कुछ आगे है जगीना। यहां चौड़ी सड़कों पर सरपट दौड़ते ट्रैफिक से सटी धूल मिट्टी की सड़कों, खेती बाड़ी और औद्योगिक क्षेत्रों के बीच पूरा समाज जातियों के खांचो में बंटा है। जाट, सैनी, गुजर, जाटव, पंडित और कोली समुदाय।
भीतर से आगे चलकर चक्की के आगे लाल कुर्ता और माथे पर तिलक लगाए एक सज्जन को खड़े देखकर हाल चाल पूछा। चुनाव का क्या माहौल है? सज्जन ने कुछ देर घूरकर देखा। फिर हमसे सवाल किया, किस पार्टी के हो आप? हम किसी पार्टी के नहीं हैं। हम केवल जायजा लेने आए हैं कि चुनाव को लेकर लोग क्या सोचते हैं। बात शुरू हुई तो बोले ‘भाजपा ने राम मंदिर बना दिया। योगी जी ने यूपी को चमका दिया। हम तो चाहते हैं राजस्थान में भी योगी जी जैसा मुख्यमंत्री हो’।
अगला सवाल हुआ कि भाजपा ने तो किसी को भी मुख्यमंत्री घोषित नहीं किया है। तो चक्की पर बैठे सज्जन का जवाब तैयार है, ‘चुनाव के बाद मोदी जी और योगी जी की जो भी पसंद का होगा, वही यहां मुख्यमंत्री बनेगा, हमें मंजूर होगा’। इसी बीच कुछ और लोग वहां जमा हुए। एक और सज्जन आए उम्र करीब 55 साल नाम है विजय सिंह। जाट समाज से ताल्लुक रखते हैं। पेशे से ड्राइवर हैं। सवालों से कुछ गरम हो गए।
वो बोले “मोदी जी और योगी जी देश को हिंदू राष्ट्र बना रहे हैं। जो 70 साल में नहीं हुआ वह अब हो रहा है। जो कांग्रेस के लोग हैं, ये इस देश में मुसलमानों का राज ला रहे थे। आज मोदी जी ने हमास को और तालिबान को सबक सिखा दिया। मोदी जी और योगी जी जिस दिन सरकार से हटेंगे, भारत पर भी हमास इजराइल जैसा ही हमला कर सकता है”।
विजय सिंह हाजिर जवाबी में माहिर लग रहे हैं। उनसे फिर सवाल हुआ कि यहां तो कांग्रेस नहीं राष्ट्रीय लोकदल के सुभाष गर्ग लड़ रहे हैं। चौधरी चरण सिंह जिस समुदाय में पैदा हुए। आजादी के आंदोलन में जेल गए थे। उनके पुत्र चौधरी अजित सिंह के बेटे जयंत चौधरी की पार्टी का नाम है राष्ट्रीय लोकदल। क्या उसको वोट नहीं देंगें? जयंत तो चौधरी चरण सिंह की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं तो इस पर विजय सिंह तपाक से बोल पड़े “लगता है आप लोकदल वाले हो”।
गहलोत सरकार ने लोगों को 25 लाख की चिंरजीवी योजना की गारंटी दी है। लोगों का मुफ्त इलाज होगा 25 लाख रुपये तक के बजट में। कितना भी पैसा खर्च होगा, सारा खर्च सरकार उठाएगी। इस पर विजय सिंह बोले “साहब ये जो मुफ्त इलाज की बात हो रही है सब झूठ है। मेरे जवान बेटे की किडनी की बीमारी हो गई। कोई अच्छा डाक्टर और अस्पताल ही नहीं मिला। मैंने बिना इलाज के अपना बेटा खो दिया। कर्ज निकालकर 3 लाख भी खर्चा किया लेकिन बेटे को नहीं बचा पाए। अब उस 25 लाख की योजना का मेरे लिए क्या मतलब है। मेरा तो सब कुछ तबाह हो चुका”।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद मलिक कहते हैं, “बुनियादी सवालों से जनता का ध्यान बांटने के लिए आरएसएस और भाजपा का ये पुराना खेल है। पांच साल तक गहलोत सरकार को गिराने के तमाम हथकंडे अपनाए गए। अब कोई मुद्दा नहीं तो धर्म और राम मंदिर पर लोगों को भटकाया जा रहा है”।
अलवर में आरएसएस से जुड़े वेद राठौर कहते हैं, “सच तो यह है कि राज्य में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ कोई भी नाराजगी नहीं है। संघ और बीजेपी के बड़े नेताओं से करीबी रिश्ते होने के बाद भी उनका पुख्ता यकीन है कि काग्रेस सरकार पूरे बहुमत के साथ सरकार बनाएगी और भाजपा को करारी शिकस्त मिलेगी”।
जयपुर में स्वयं सेवी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े नरेंद्र सिंह सोलंकी कहते हैं, “चिरंजीवी स्वास्थ बीमा योजना का मकसद बहुत अच्छा है लेकिन अभी भी कई लोगों का इसका लाभ नहीं मिल रहा है। निजी अस्पतालों की शिकायत रहती है उन्हें सरकार से समय पर भुगतान पाने में दिक्कतें आ रही हैं, इसलिए आम लोगों की सर्जरी को भी अस्पताल टाल देते हैं। जैसा कि उनके खुद के पैर में एक छोटा सा आपरेशन होना था। आंखों के आपरेशन के लिए उन्हें मजबूरी में महंगे अस्पताल में 85 हजार खर्च पर करना पड़ा।”
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के गंगानगर, राजस्थान चैप्टर से जुड़े डॉक्टर संदीप चौहान कहते हैं, “आम आदमी को इस योजना का लाभ तभी मिल सकता है जब बुखार या महामारी होने की दशा में अस्पताल मरीज को भर्ती करें। हृदय से लेकर ब्रेन टयूमर और डायलिसिज तक आम आदमी का कोई भी आपरेशन 5 से 7 लाख के भीतर हो जाता है इसलिए 25 लाख रु के बीमा कवर का शोर मचाने से बहेतर होता कि तेज बुखार होने या अज्ञात कारण से किसी की अचानक तबियत बिगड़ने की सूरत में मरीज को आईसीयू का लाभ बिना किसी मुश्किल से सुलभ हो।”
(उमाकांत लखेड़ा वरिष्ठ पत्रकार हैं।)
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