Author: विजय शंकर सिंह
महिलाओं के लिए अनुदार ही नहीं हिंसक भी है समाज
देश और राज्यों की अपराध की स्थिति का अगर अध्ययन किया जाए तो सबसे चिंताजनक और भयावह आंकड़े, महिलाओं के प्रति अपराध या घरेलू हिंसा [more…]
भारत में समृद्ध रहा है किसान आंदोलनों का इतिहास
26 नवम्बर को किसानों का दिल्ली कूच कार्यक्रम है। वे वहां पहुंच पाते हैं या नहीं यह तो अभी नहीं बताया जा सकेगा, लेकिन तीन [more…]
पट्टी बंधी न्याय की आंखें भी करने लगी हैं भेदभाव
न्यायिक क्षेत्रों में आजकल संविधान के अनुच्छेद 32 और उस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक ही सप्ताह में दो अलग-अलग पीठों द्वारा की गई व्याख्या [more…]
मी लॉर्ड! अर्णब नहीं, मृत अन्वय और उनका परिवार है असली पीड़ित
अर्णब का मुकदमा तो उनकी निजी आज़ादी से जुड़ा था भी नहीं। अर्णब तो धारा 306 आईपीसी के मुल्जिम के रूप में शीर्ष न्यायालय में [more…]
राहुल-ओबामा प्रकरण: हम सब अपने-अपने परसेप्शन खुद गढ़ते हैं
हमारी समस्या एक यह भी है कि, हम यह चाहते हैं कि किसी व्यक्ति, विचार या घटना के बारे में जो मेरा परसेप्शन हो, वही [more…]
मी लार्ड! व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार वरवर राव को भी है
आज जब अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के अंतर्गत प्राप्त अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए, जमानत दी तो एक [more…]
अर्णब गोस्वामी: कितनी पत्रकारिता, कितनी आजादी और कितना अपराध?
अर्णब मामले में ताजी खबर यह है कि 9 नवंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने अंतरिम जमानत की उनकी अर्जी खारिज कर दी है, और [more…]
नोटबन्दी! एक मास्टर स्ट्रोक जो बाउंड्री पर कैच हो गया
नोटबन्दी या विमुद्रीकरण का फैसला कैबिनेट का था या किचेन कैबिनेट का यह न तब पता लग पाया और न ही कोई आज बताने जा रहा [more…]
अर्नब केसः काम करा कर किसी मिस्त्री का पैसा दबा लेना, यह कौन सी पत्रकारिता है?
अर्नब गोस्वामी धारा 306 आइपीसी, (आत्महत्या के लिए उकसाने) के एक मामले में जेल में हैं। इस मुकदमे के बारे में कहा जा रहा है [more…]
देश की एकता के लिये अभिशाप हैं धर्म और जाति से प्रेरित दंगे
धर्म के नाम पर हुए उन व्यापक दंगों या नर संहारों को याद रखा जाना चाहिए। उन्हें याद रखना इसलिए भी ज़रूरी है कि ताकि [more…]