Author: विजय शंकर सिंह
आरटीआई से नया खुलासाः मुख्यमंत्रियों की हाई पॉवर कमेटी में नहीं भेजा गया था कृषि कानून
कृषि कानूनो के बारे में, सुप्रीम कोर्ट की सबसे महत्वपूर्ण टिप्पणी यह है कि यह कानून बिना पर्याप्त विचार विमर्श के ही बना दिए गए। [more…]
सुधार कृषि के नाम पर और लाभ अडानी ग्रुप को!
तीनों किसान कानूनों को वापस लेने में सरकार के सामने सबसे बड़ा धर्मसंकट है अडानी ग्रुप द्वारा कृषि सेक्टर में भारी भरकम निवेश और उनका [more…]
बिहार के किसान क्यों रह गए पंजाब और हरियाणा से पीछे?
अब जब नौ दौर की बातचीत के बाद भी वार्ताकार मंत्रीगण, किसानों को यह नहीं समझा पा रहे हैं कि यह कानून कैसे किसानों के [more…]
किसानों का गणतंत्र बनाम सुप्रीम कोर्ट की शरण में सरकार
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का पर्व है। उस दिन किसानों ने तिरंगा फहराने और ट्रैक्टर रैली निकालने का निश्चय किया है। पर सरकार ने [more…]
सरकार का संकटमोचक बन गया है सुप्रीम कोर्ट
यह एक नया ट्रेंड चला है कि जब जब सरकार निर्विकल्प होने और संकट में धंसने लगती है तो वह सुप्रीम कोर्ट की ओर देखने [more…]
सरकार की अक्षमता का प्रतीक है कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई ने आज सुनवाई करते हुए कहा कि, “हमें अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आपने (सरकार ने) बिना पर्याप्त विचार [more…]
एमएसपी पर खरीद के लिए कॉरपोरेट को क्यों नहीं किया जा सकता है बाध्य?
45 दिन का धरना और नौ दौर की बातचीत भी सरकार को यह आभास नहीं दे सकी कि किसान आखिर चाहते क्या हैं? सरकार किसानों [more…]
किसान चाहते नहीं, कॉरपोरेट मना कर रहा, फिर क्यों नहीं वापस हो रहा है कृषि कानून!
4 दिसंबर को सरकार और किसानों के बीच बात तो हुई पर कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया। किसान सारे कृषि कानून की वापसी पर अड़े [more…]
40 दिन, 60 मौतें और सरकार में सन्नाटा!
दुनियाभर के जन संघर्षों की कथा पढ़ते-पढ़ते अक्सर यह सवाल मन में कौंध जाता है कि आखिर सरकारें इतनी ठस और अहंकारी क्यों हो जाती [more…]
आईएनए ट्रायल की 75वीं बरसी: जब गूंज उठा ‘लाल किले से आयी आवाज़! सहगल, ढिल्लन, शाहनवाज’!
आज़ाद हिंद फौज के ट्रायल के आज पचहत्तर साल पूरे हो रहे हैं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आजाद हिन्द फौज की अहम भूमिका रही [more…]